नई दिल्ली। तीन तलाक को आपराधिक घोषित करने के केंद्र के फैसले का जहां मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीखा विरोध कर रहा है, वहीं लेफ्ट, कांग्रेस, टीएमसी और एनसीपी समेत विपक्ष का एक बड़ा तबका भी इसके विरोध में है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में 3 तलाक को अमान्य और असंवैधानिक घोषित किया था जिसके बाद सरकार नया कानून बनाने जा रही है। इससे जुड़ा बिल गुरुवार को संसद में पेश किया जाएगा। द मुस्लिम विमिन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज) बिल में तीन तलाक की पीडि़तों को मुआवजे का भी प्रावधान है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत तमाम मुस्लिम संगठन इस बिल का विरोध कर रहे हैं। सरकार इस बिल को संसद में पेश करने को लेकर अडिग है हालांकि बहुत मुमकिन है कि इस बिल को संसदीय समिति को सौंप दिया जाएगा। बिल को लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद गुरुवार को पेश करेंगे। इस बिल को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में एक अंतरमंत्रालयी समूह ने तैयार किया है।
तीन तलाक: प्रस्तावित कानून में सजा वाले प्रावधानों के विरोध में विपक्ष
